बहुत ही सरल हो --- -- सहज भी तो हो आप
के चहरे से होते ---- -- वया सारे अंदाज़
चंचल सा मन और ----चंचल किरण हो
बच्चे की मासूम -----सी एक किलक हो
मुझे याद है चंद पल ----साथ थे जब
यक़ीनन ही बोली -----बहुत कर्ण प्रिय थी
बाते ह्रदय को ------लगती थी प्यारी
ज्यो आसमा ने ------- बाहे पसारी
करता हू मै बात ------अंतर की अब तो
जब भी मिला मै ------हर दम ही पाया
चाहा के पुछू ----- हर दम ही मै ये
कि कैसे तपा के ---- कुंदन बनाया