हे युवक आजाद हो तुम -- किस कदर ये जिंदगी ;
भीड़ में अब तक खड़े हो -- क्यों न फिर पहचान दी !
हो जुनू और जोश तुममे -- ख़त्म कर दो बंदिशे ;
जाग उट्ठो फिर पकड़ लो -- देश की दुखती नसे !
देश की तकलीफे समझो -- बोल वो सकता नहीं ;
घाव जिस्मो पर बने है -- क्यों मरहम बनते नहीं !
हर जगह हर छेत्र पहुचे -- लपते तुम्हारी आग की ;हो सके तो ख़ाक कर दो -- भ्रष्ट सारे लालची!
अफसर बनो, नेता बनो तुम -- हर तरफ आगाज हो;
हो तिरंगा युवा हाथो -- सशक्त भारत राष्ट्र हो !
आजाद भारत मिले हमको -- इसका सहरा सजे हमको ;
यही दुल्हन बने अपनी -- तब हुए संघर्ष खूनी !
आजादी पाने वास्ते -- बेसक बटे हम दलों में;
नरम दल या गरम हो -- आजादी ही मंजिल बने!
अंगारे हो नसों में और -- सासों में लपटे जो हो;
खून ना हो सोले हो तो -- धधकने दो इन्हें आज!
है घना और बड़ा जंगल -- भ्रस्ट्राचार नाम का ;
राख कर दो ख़ाक कर फिर -- नव उदय हो राष्ट्र का!
जोश ए जस्बे हिम्मते -- तो उठ गए फिर हाथ है;
जोड़ने को प्यार दे जो -- तोड़े अमन ए दुश्मनों को!
हम युवा सब एक है -- धर्म अंतर है नहीं ;
अलग ना करना हमें तुम -- धर्म की दीवार से!
ना सहो ना दबो तब जब -- बात मैदाने जंग की हो ;
हो आह्वाहन कर सुदर्सन -- तुम कृष्ण सा संहार दो!