महक उठा है यादो से ----- मेरा तो पूरा तन मन ;
तेरी यादो की महक ने मुझको ------ कर डाला पूरा पावन |
तेरा ये चंचल सा मन ---------------जैसे हो कोई मधुवन ;
मधुवन को महकती तुम ----------- जैसे हो कोई चन्दन ||
आखे तेरी मोहक है --------------- उस पर तेरे तीखे नयन ;
हमको घायल कर जाती है ---- दे प्यार की मोहक यादो संग |
मुखड़ा तेरा चंदा जैसा --------- आकाश में हो तुम तारो संग ;
साथ जरा मेरा भी दो ------------ महका दो मेरा जीवन ||
आवाज़ से जैसे कोकिल हो ------ स्वर करते शीतल गुंजन ;
अंतर्मन फिर महक सा जाता -------सुन प्यारी सी तेरी धुन |
चलती हो तुम जैसे भवर ------------ रस फूलो का लेके उड़े ;
बदले में परिवर्तन देती -----------कली से उसको फूल करे ||
फूल तभी मुस्काता है -------------महक को और लुटाता है ;
बागो में शोभित हो करके ----------गीत मिलन के गाता है ||
याद है तेरा मुस्काना ----- गम को भी मोहक कर जाना ;
कण-२ को पुलकित करती तुम-- हर कण को फिर महका जाना |
पायल जब तेरी बजती है ---------दीवाना हमको करती है ;
राहे कितनी भी मुस्किल हो ------- राहे अड़चन ना बनती है ||
अब तो है केवल ये आशा ------------- ऊपर वाले से ये माँगा ;
महक को भी महका जाओ ---- तुम मेरे जीवन में आ जाओ |
अंतर में मेरे बस जाओ --------आखो का काजल बन जाओ ;
मेरे दिल में अब तुम ही तुम-- मेरे दिल की धड़कन बन जाओ ||
AMIT KUMAR GUPRA
CONTACT NO.9039884725
गुरुवार, 14 अक्तूबर 2010
"यादे"
यादो में हमें फिर याद किया ------जो याद कभी ना करता था |
यादो में फिर वो मिला हमें ---- जो यादो में तक ना मिलता था ||
यादो में उनसे बात हुई जिनसे ---- सपना महज था बातो का |
यादो में ही दीदार हुवा --------- उस ईद के चाँद से टुकड़े का ||
यादो में हम तब एक हुवे --------- यादो में ही हम घुले मिले |
यादो में रहे अब जी करता ------- ये याद हटे ना मन करता ||
अब टूट चुकी है यादे मेरी-------- यादो में ना विश्वास रहा |
याद ना आये उसकी वो यादे ------ यादो से अब तो डर लगता ||
पर;यादे पीछा करती है ----------- यादो से याद दिलाती है |
जिन यादो से में भागता हूँ -------- वो यादे फिर आ जाती है ||
साथ बिताये वक़्त की यादे ------- यादो को जिन्दा करती है |
भर देती है प्रेम ये दिल में -------- मीठा दर्द ये देती है ||
आओ तुम मेरी यादो में -------- याद बहुत में करता हूँ |
यादो के संग में जीता हूँ ------- यादो से हर पल मरता हूँ ||
यादो से संजोया है मेने ------- तेरी यादो का गुल्लिस्ता |
तुम याद रखो तो यादे है ------- वरना ये दहकता रेगिस्ता ||
AMIT KUMAR GUPTA
CONTACT NO.--9039884725
यादो में फिर वो मिला हमें ---- जो यादो में तक ना मिलता था ||
यादो में उनसे बात हुई जिनसे ---- सपना महज था बातो का |
यादो में ही दीदार हुवा --------- उस ईद के चाँद से टुकड़े का ||
यादो में हम तब एक हुवे --------- यादो में ही हम घुले मिले |
यादो में रहे अब जी करता ------- ये याद हटे ना मन करता ||
अब टूट चुकी है यादे मेरी-------- यादो में ना विश्वास रहा |
याद ना आये उसकी वो यादे ------ यादो से अब तो डर लगता ||
पर;यादे पीछा करती है ----------- यादो से याद दिलाती है |
जिन यादो से में भागता हूँ -------- वो यादे फिर आ जाती है ||
साथ बिताये वक़्त की यादे ------- यादो को जिन्दा करती है |
भर देती है प्रेम ये दिल में -------- मीठा दर्द ये देती है ||
आओ तुम मेरी यादो में -------- याद बहुत में करता हूँ |
यादो के संग में जीता हूँ ------- यादो से हर पल मरता हूँ ||
यादो से संजोया है मेने ------- तेरी यादो का गुल्लिस्ता |
तुम याद रखो तो यादे है ------- वरना ये दहकता रेगिस्ता ||
AMIT KUMAR GUPTA
CONTACT NO.--9039884725
सदस्यता लें
संदेश (Atom)