शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

मात्र वीरो

घुसपेठ  हुई अब दुश्मनो की ----  जख्म देने की कला
छीनना  खुशिया हमारी      ---- इनका मकसद हो गया 
अब तो सारी हदे तोड़ी    ----     लाँघ कर इंसानियत 
मासूमो को भी कत्ल करते ----  धर्म के ये नाम पर
अब तो जागो मात्र वीरो    ----- इनको अब तो दो पछाड़ 
खेलो होली खून से और    ----- रक्त रंजित कर विशाल ||

पीठ पर खंजर चला है     ----   पाक की घटिया मिसाल
चीन भी इनका समर्थक   ----   दोगला ; करता प्रहार 
हिंदी चीनी भाई भाई      ----   अब वो नारा ना रहा
चीनी को दिल से निकालो ---   भाई वो प्यारा ना रहा
इनकी नज़रे उठ गई है   ----   भारती के कांधो पर
अब तो तुम रुकना नहीं  ----   फोड़ इनकी आंखे तक ||

काट दो हर अंग  उसका  ----  सरहदों को जो छुए 
खौफ इतना भर दो इनमे ---  भारती का नाम ले 
जयकार भारत की करे   ---- आँखों में दहशत दिखे 
भीख मांगे मौत की और ---- हस के हम वो दे सके
दुश्मनो से जंग  होगी   ----  जोश मय होगा समां
सर कटाने मर कर बचाने --  जब बढ़ेगी टोलिया ||
आज लग जायेगा जमघट  -- जंग के मैदान में 
खून से लतपथ सिंघो को  ---- देखना मैदान में
हिंद  की  सेना  है  ये   -----   ललकारती आगे बढ़ी
घाव लगे; सिर भी कटे  ----   फिर भी ये बढती जाएगी
गोलिया बोछार सी      ----  बारूद  भी दीपावली 
खून निकले तो समझ लो --  खिल रही है होली ही ||

हिंद के वीरो को देखो   ----  खून से लतपथ दिखे 
जैसे कोख से सिंघनी की --   वो अभी जन्मे हुवे 
आग भी भुझ  जाती है जब--खून से स्पर्श हो
गोलियों की क्या मजाल ---- पाँव डगमग भी ना हो
सर  कटे  तो  धड सही  ----   बढ़ चले बिन सर के ही
दुश्मनो की मौत को तो ----   चाहिए बस हाथ ही ||

सर तो कर डाला समर्पित ---- भारती की रक्षा की
मस्तको  पे  धूल  है       ----  स्वीकार करती भारती
सहसा बादल गरज उट्ठे  ----  भारती हुंकारती 
दुश्मनो के दिल धड़क गए --  इस तरह वो गर्ज थी
एक मस्तक देखते ही    ----  सैकड़ो की टोलिया
गर्वे से फिर फूल  उठते  ----  कहके ये तो सिंह था ||

और फिर शोले धधकने ----  उनकी आँखों में लगे
रोके  भी  रुकते  नहीं   ----  खून के प्यासे हुए
पवन भी लपटे बनी   ----    दहकता है अब समां
दुश्मनो के खून से    ----    तिलक को आतुर यहाँ
छू वा है जिन दुश्मनो ने --  भारती के जिस्म को
है सजा मर कर भी ये  ---- पाने ना पाए कब्र को
मौत इनको इसकदर  दो -- जन्म लेने से डरे
मिल भी जाये जन्म तो ये--वन्दे मातरम ; ही कहे 
मिल भी जाये जन्म तो ये--वन्दे मातरम ; ही कहे ||||
                                          by-Amit Kumar Gupta







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