जिनकी बातो से इरादे आक लेते है सभी,
जिनके आने भर से बैरी रण छोड़ देते है सभी;
भारती के दर्द को जो महसूस करता है सदा,
मोदी है वो लाल जिसपे भारती भी है फ़िदा |
छाती चौड़ी मन है उजला स्वेत जिसकी आत्मा,
चलता है जो सिंह सा और बोले तो है गर्जना;
सिंह तुम ऐसे ही गरजो भारतीय कामना,
और दिलो में खौफ भर दो दुश्मनो के तुम सदा |
दो दहाड़े इसतरह की चीर दे जो आसमा,
और फिर पंजे पटक दो फाड़ दे जो ये धरा;
उस धरा से पीक निकले फिर से उस संकल्प की,
विश्र्व गुरु बनके रहेगा थी सिकांगो में कही |
By--Amit Kumar Gupta
जिनके आने भर से बैरी रण छोड़ देते है सभी;
भारती के दर्द को जो महसूस करता है सदा,
मोदी है वो लाल जिसपे भारती भी है फ़िदा |
छाती चौड़ी मन है उजला स्वेत जिसकी आत्मा,
चलता है जो सिंह सा और बोले तो है गर्जना;
सिंह तुम ऐसे ही गरजो भारतीय कामना,
और दिलो में खौफ भर दो दुश्मनो के तुम सदा |
दो दहाड़े इसतरह की चीर दे जो आसमा,
और फिर पंजे पटक दो फाड़ दे जो ये धरा;
उस धरा से पीक निकले फिर से उस संकल्प की,
विश्र्व गुरु बनके रहेगा थी सिकांगो में कही |
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