अपराधी को पकड़ कर कर देते है शर्मशार |
छोटे से छोटे मुद्दे को उछाल देते है |
और बड़ी बड़ी बात यू ही टाल देते है |
पता नहीं छोटी सी बात को खीच कर इनको क्या मिल जाता है |
बड़ी-बड़ी फाईलो का मामला आपस में सुलझ जाता है |
कुरेदने में इन्हें बड़ा मजा आता है |
अपराधी फिर भी साफ़ बच जाता है |
बड़ी खबरों को धमाके के साथ पेश किया जाता है |
पर कुछ लोगो से डरकर खबरों का धंधा किया जाता है |
भ्रष्टाचार को मारकर अपनी कलम को जितना चाहते है |
खुद भ्रष्ट है और भ्रष्टाचार मिटाना चाहते है |
भीड़ में आपाधापी में खुद को सबसे ऊपर चाहते है |
खबर केसी भी हो बिना पडताळ किये बोल डालते है |
चार की जगह सात बोम्ब धमाके बताते है |
आधी अराजकता तो ये खुद ही फेलाते है |
मानता हू धर्म है खबर सच पहुचे सभी |
धर्म ये भी घाव ना हो, जख्मी ना हो सरजमी |
है संदेसा ये उन्हें जो बिक गए चंद सिक्को में |
सिक्के कही खो जायेगे नजरे मिला ना पायेगे |
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